उत्तर प्रदेश

अमरोहा कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी ने किया महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर माल्यार्पण

 

अमरोहा । आज अमरोहा कलेक्ट्रेट सभागार अमरोहा में 2 अक्टूबर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की 152 जयंती कार्यक्रम का विधिवत आयोजन किया गया । इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री बाल कृष्ण त्रिपाठी जी द्वारा सर्वप्रथम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के शुभ अवसर पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके जीवन शैली के बारे में विचार व्यक्त किया गया कार्यक्रम के दौरान अपर जिलाधिकारी श्री विनय कुमार अपर उप जिलाधिकारी श्री इन नंदन सिंह द्वारा भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी वह पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए व उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर विचार व्यक्त किया गया । जिलाधिकारी श्री बाल कृष्ण त्रिपाठी जी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि 2 अक्टूबर का दिन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। 2 अक्टूबर को हर वर्ष गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है।

अंग्रेजों से आजादी दिलाने में महात्मा गांधी का विशेष योगदान रहा है। कहा कि 2 अक्टूबर को हर साल अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। सत्य और अहिंसा को लेकर बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते रहे हैं। कहा किआज 2 अक्टूबर है और न सिर्फ पूरा हिन्दुस्तान, बल्कि दुनिया के कई देश 152वीं गांधी जयंती मना रहे हैं। बापू ने देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने में सबसे अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के दम पर अंग्रेजों को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया, यही वजह है कि पूरा विश्व आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाता है। महात्मा गांधी के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व का मार्गदर्शन करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे।। जिलाधिकारी श्री विनयकुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा किगाधी जी इस बात में विश्वास रखते थे कि हिंसा के रास्ते पर चलकर आप कभी भी अपने अधिकार नहीं पा सकते। उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया।महात्मा गांधी ने लंदन में कानून की पढ़ाई की थी। लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल कर उन्होंने बड़ा अफसर या वकील बनना उचित नहीं समझा, बल्कि अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया। अपने जीवन में उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन किए। कार्यक्रम के दौरान जिला आबकारी अधिकारी श्री अनुराग सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी व कलेक्ट्रेट कर्मचारी उपस्थित रहे ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button